धीमे इंटरनेट के चलते उपभोक्ताओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
नगरफोर्ट तहसील मुख्यालय का उप डाकघर अपनी व्यथा पर आंसू बहा रहा है, ना तो उप डाकघर का अपना कोई सरकारी भवन है, नाही उप डाकघर का इंटरनेट गति से आता है, जिसके चलते उपभोक्ताओं का कार्य समय पर पूरा नहीं होता और उन्हें बिना कार्य ही निराश लौटना पड़रहा है।
वैसे तो नगरफोर्ट में आजादी के बाद ही शाखा डाकघर खोल दिया गया था। जो क्षेत्र दर्जनों गांव की हजारों जनसंख्या के से जुड़े परिवारों के पत्राचार, मनी ऑर्डर, डाक- तार सेवा, वर्धा, विधवा, दिव्यांग पेंशनरों की सूचनाओं औ आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रमुख केंद्र था। वर्षों आधी सदी के इंतजार के बाद 2016 में भारत सरकार ने इसे कर्मोनित करके उप डाकघर बना दिया, लेकिन आज भी यह किराए के मकान में ही चल रहा है।
उप डाकघर नगरफोर्ट के अधीन 10 ग्राम पंचायतों के शाखा डाकघर आते हैं, जिनके नाम बलूंदा, चंदवाड, चारनेट, गुराई, सतवाडा,गोडरडा, फुलेता, ककोड, रानीपुर और रूपवास है। उप डाकघर नगरफोर्ट व शाखा डाकघर से सावदी जमा खाता, बचत खाता, आवर्ती जमा खाता, पीएफ जमा खाता, महिला सम्मान निधि योजना, बालिका समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन योजना, किसान निधि योजना, रजिस्ट्री पत्र, पोस्ट स्पीड, टिकट, मनीऑर्डर, पोस्टल आर्डर समेत अन्य कार्यों से होने वाली 1 महीने की आय एक करोड़ से भी अधिक है। लेकिन इंटरनेट का युग है और उप डाकघर का सारा कार्य इंटरनेट से जोड़ दिया गया है, लेकिन नेट सिस्टम इतना स्लो होता है कि उपभोक्ताओं को और ब्रांचेस से आने वाले शाखा डाकघर के व्यवस्थापकों को कार्य का निस्तारण करवाने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है। उसके बाद भी कार्य समय पर नहीं होता है, यहां तक रजिस्ट्री करवाने के लिए भी मिलने वाली रसीद के इंतजार में काफी समय इंतजार करना पड़ता है, आखिर हार तक-कर सादे कागज की रशीद ही लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कहीं बार उपभोक्ताओं और स्थानीय पोस्ट मास्टर व व्यवस्थापकों के बीच तनाव की स्थितियां पैदा हो जाती है। लेकिन स्थानीय उप डाकघर के कर्मचारियों को व्यवस्था के अनुकूल डालकर अपना व्यवहार रखना पड़ता है। उप डाकघर के पोस्ट मास्टर अशोक कुमार जैन ने बताया कि उच्च अधिकारियों का इंटरनेट व्यवस्था सुधारने के लिए ध्यान आकर्षित किया गया है, उन्होंने जल्दी ही उप डाकघर नगरफोर्ट की इंटरनेट व्यवस्था सुधारने तथा व्यवस्था बढ़ाने का आश्वासन दिया है वहीं नगरफोर्ट के व्यापारियों का कहना है कि अगर उप डाकघर की व्यवस्था ठीक हो जाए तो वह अपना लेनदेन और अधिक बड़ा सकते हैं लेकिन यह इंटरनेट कनेक्शन के सुचारू नहीं होने के चलते राशि निकलवाने के लिए इंतजार ही नहीं कहीं बार तो दूसरे दिन तक इंतजार करना पड़ता है फिर भी काम की कोई गारंटी नहीं है ऐसे में वह फ़ोर्ट से जुड़कर लेनदेन करने से बचते हैं, नगरफोर्ट उप डाकघर से जुड़े उपभोक्ताओं ने मांग कि है कि डाकघर की व्यवस्था सुधारी जाए ताकि इसे और अधिक उपभोक्ता जुड़ सके।