नगरफोर्ट तहसील मुख्यालय से जोड़ी 13 ग्राम पंचायत के 87 राजस्व ग्रामों के छात्र-छात्राएं एवं नागरिक को करीब 20 दिन से जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए ई-मित्र संचालकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ई मित्र पर ऑनलाइन नगरफोर्ट तहसील का कोई ऑप्शन नहीं आने के चलते छात्र-छात्राएं के मूल निवास एवं जाति प्रमाण पत्र दस्तावेज ऑनलाइन नहीं होने से काफी परेशानियों और निराशा है।
तहसील मुख्यालय नगरफोर्ट के रानीपुरा ग्राम पंचायत के विजयनगर निवासी पवन शर्मा ने बताया कि उन्होंने 20 दिन पहले मूल निवास बनाने के लिए ईमित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन अब तक भी मूल निवास प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। इसी प्रकार का कचरावता ग्राम पंचायत के बालापुरा गांव के विशाल चौधरी व मुकेश चौधरी ने बताया है कि उन्होंने भी जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए ईमित्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर रखा है लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है जिसके चलते उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं और अग्रिम विद्यालयों में प्रवेश तथा प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई विश्वकर्मा योजना के आवेदनों के लिए दस्तावेजों के अभाव में वंचित रहना पड़ रहा है। क्षैत्र के अन्य छात्र-छात्राओं ने भी बताया है कि करीब 20 दिन से ई -मित्र संचालकों के पास जाकर ऑनलाइन जाति मूल प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जा चुका है। लेकिन छात्र-छात्राएं 20 दिन से ई-मित्र संचालकों के पास जाकर बैरंग लौट रहे हैं।
छात्रों ने बताया कि नगरफोर्ट तहसील बन जाने के बाद भी पहले हमारे जाति प्रमाण पत्र संबंधित पूर्व तहसील मुख्यालय दूनी और उनियारा से बनाए जाते थे। लेकिन अब उनियारा व दुनी तहसील ईमित्र संचालक का कहना है कि अब तुम्हारे दस्तावेज नगरफोर्ट तहसील में ही बनेंगे। और जब नगरफोर्ट तहसील में आते हैं तो वह हमें उनियारा या संबंधित तहसील दुनी ही बने को कहते हैं। ऐसे में जरूरतमंद छात्र-छात्राओं एवं नागरिक अब जाए तो कहां जाए।
नगरफोर्ट तहसील से जुड़े 87 राजस्व गांवों के छात्र-छात्राओं के मूल निवास जाति प्रमाण बनने में आ रही रुकावट का मुख्य कारण संबंधित विभाग द्वारा नगरफोर्ट तहसील बनने के 10 महीने बाद भी तहसील को पहचान आइडी मैप(पहचान नक्शे) से नहीं जोड़ा जाना है। जिसके चलते जरूरतमंद छात्र-छात्राओं और नागरिकों के सभी कार्य जिनमें मूल निवास जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है रुक गए हैं।
राज्य सरकार ने दिसंबर 2022 में 40 साल पुरानी उप तहसील नगरफोर्ट को कर्मोन्नत कर पूर्ण तहसील का दर्जा था। नगरफोर्ट तहसील में उनियारा और दुनी तहसील की 13 ग्राम पंचायतों के 87 राजस्व ग्रामों को शामिल कर 4 गिरदावर सर्किल, 17 पटवार हल्के बनाए गए थे। नगरफोर्ट तहसील बनाने के लिए उनियारा तहसील की 7 ग्राम पंचायतों के 51 राजस्व ग्राम के दो गिरधावर, सर्किल, 9 पटवार हल्के और दुनी तहसील के 6 पंचायतों के 36 राजस्व ग्राम,2 गिरदावट सर्किल,8 पटवार हल्के का पुनर्गठन कर नगरफोर्ट तहसील में शामिल किए गए थे।
ई मित्र संचालक का कहना है कि
पहले नगरफोर्ट तहसील बनने के बाद भी नगरफोर्ट तहसील में आए आवेदन फार्मो को आवेदन कर्ता की पूर्व तहसील से जुड़ी साइट पर ही ऑनलाइन आवेदन कर प्रेषित किया जाता था। लेकिन अब प्रमाण पत्र के लिए पूर्व तहसील की साइड पर दस्तावेज अपलोड नहीं हो रहे हैं तथा उनके द्वारा बताया जा रहा है कि नगरफोर्ट साइड पर ही संबंधित दस्तावेज अपलोड किया जावे के लिए कहा जा रहा है, जबकि ई मित्र की साइड पर अभी तक नगरफोर्ट तहसील व उसके राजस्व ग्रामों को आईडी मैप जोड़ा नहीं गया है।
प्रमोद सैनी व रामरतन जाट
ई मित्र संचालक यूनियन के पदाधिकारी और ई मित्र संचालक
कार्यवाहक तहसीलदार दशरथ मीणा से मोबाइल से संपर्क करने पर उनका फोन कोई रिसीव नहीं कर पा रहा था।
इनका कहना है-
अभी तक संबंधित समस्या की ओर उनका ध्यान किसी ने आकर्षित ही नहीं किया था अब ध्यान में लाया गया है इस मामले को वह जल्दी दिखवा कर समस्या का निराकरण करवाएंगे।
त्रिलोक मीणा
उपखंड अधिकारी उनियारा जिला टोंक राजस्थान